अगर सड़क पर बिना मास्क के कोई व्यक्ति दिखाई पड़ेगा तो कोर्ट पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करेगी। चैत्र नवरात्रि पर्व व रमजान को लेकर कोर्ट ने कहा है कि सामाजिक धार्मिक आयोजनो मे 50 आदमी से अधिक न इकट्ठा हों। याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।
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पीड़ितों के इलाज के लिए बनाए अस्पताल
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से कहा है कि ट्रैकिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट अधिक से अधिक करें और शहरों मे खुले मैदान पर अस्पताल बनाकर कोरोना पीड़ितों का इलाज करें। आवश्यकता पड़ने पर संविदा पर स्टाफ तैनात करें।
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जनहित याचिका की सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ कहना है कि नाइट कर्फ्यू संक्रमण को बढ़ने से रोकने के लिए छोटे कदम है। ये नाइट पार्टी या नवरात्रि या रमजान मे धार्मिक भीड़ तक सीमित है।
जीवन रहेगा तो अर्थ व्यवस्था भी ठीक होगी
हाईकोर्ट का कहना है जीवन रहेगा तो अर्थ व्यवस्था भी ठीक हो जायेगी, जब आदमी ही नही रहेंगे तो विकास का क्या अर्थ क्या रहेगा।
इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि लाॅकडाउन लगाना सही नहीं है लेकिन मौजूदा हालत में जिस तरह से संक्रमण तेजी से फैल रहा है, उसको ध्यान में रखते हुए सरकार को जिन शहरों में संक्रमण अधिक है वहां लर लाॅकडाउन लगाने पर विचार करना चाहिये। लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर कोरोना संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्र है।
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