ये पाबंदियां 17 मई तक सभी जगह लागू होंगी
- 17 मई तक ट्रेन, हवाई, मेट्रो सेवा बंद रहेगी
- स्पा, सलून और नाई की दुकानें नहीं खुलेंगी।
- स्कूल, कॉलेज और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट भी नहीं चलेंगे।
- धार्मिक स्थान / पूजा स्थल जनता के लिए बंद रहेंगे
- खेल परिसर, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक सभाएं नहीं होंगी
क्या है रेड जोन का मतलब और लॉकडाउन में क्या-क्या पाबंदी?
- ये जोन सबसे खतरनाक है। इसका अर्थ है कि यहां पर संक्रमण की चपेट में कई लोग आ चुके हैं और इसके बढ़ने या यहां की वजह से कहीं दूसरी जगह संक्रमण के बढ़ने की आशंका काफी अधिक है। ऐसे में इसको रेड जोन में शामिल कर यहां रहने वाले लोगों पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी जाती है। यहां के लोगों को घरों से बाहर निकलने की छूट नहीं दी जाती है। किसी आपात स्थिति में व्यक्ति केवल हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी बात रख सकता है। इसके बाद प्रशासन अपने हिसाब से उसकी मदद करेगा। इस तरह के जोन में प्रशासन जरूरी चीजों की सप्लाई का जिम्मा अपने हाथों में लेता है। इस तरह के जोन में लोगों पर बेहद सख्त पहरा लगाया गया होता है और इसकी अवहेलना करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाती है।
पाबंदियां
- यहां साइकल रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी और कैब सेवा नहीं उपलब्ध होगी।
- एक जिले से दूसरे जिले के बीच बस सेवा भी बंद रहेंगी।
- रेड जोन में बड़ी संख्या में अन्य गतिविधियों की अनुमति होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी औद्योगिक और कंस्ट्रक्शन गतिविधियां, जिनमें मनरेगा कार्य, फूड प्रोसेसिंग यूनिट और ईंट-भट्टे शामिल हैं, इनको अनुमति दी गई है
क्या है ओरेंज जोन का मतलब और लॉकडाउन में क्या-क्या पाबंदी?
- जब किसी रेड जोन क्षेत्र में 14 दिन तक कोई नया केस नहीं मिलता तो उसे रेड से बदलकर ऑरेंज जोन में शिफ्ट कर दिया जाता है। इस तरह के जोन में वो इलाके या जिले आते हैं जहां से संक्रमण के कुछ मामले निकलकर सामने आते हैं। प्रशासन यहां पर जरूरी उपाय कर लॉकडाउन, सील करने जैसे या दूसरे एहतियाती कदम उठा सकता है। इस जोन में संक्रमण वाले इलाकों को छोड़कर अन्य इलाकों में पाबंदियों में कुछ ढील दी जा सकती है। इसमें लोगों को जरूरी सामान की खरीद के लिए घर से बाहर निकलने की छूट शामिल है। इसके लिए प्रशासन चाहे तो समय सीमा भी निर्धारित कर सकता है।
अनुमति
- ऑरेंज जोन में टैक्सियों और कैब एग्रीगेटरों को केवल 1 ड्राइवर और 2 यात्रियों के साथ अनुमति दी जाएगी। ऑरेंज ज़ोन में व्यक्तियों और वाहनों के अंतर-जिला आवागमन को केवल कुछ गतिविधियों के लिए अनुमति दी जाएगी। चौपहिया वाहनों में ड्राइवर के अलावा अधिकतम 2 यात्री होंगे।
क्या है ग्रीन जोन का मतलब और लॉकडाउन में क्या-क्या पाबंदी?
- जब किसी ऑरेंज जोन क्षेत्र में 14 दिन तक कोई नया केस नहीं आता तो उसे ग्रीन जोन में शिफ्ट कर दिया जाता है। इस जोन का अर्थ संक्रमण मुक्त है। यहां पर प्रशासन लॉकडाउन के दौरान जरूरी चीजों को खरीदने के लिए लोगों को घर से बाहर निकलने की इजाजत दे सकता है। हालांकि इस दौरान कहीं भी भीड़ इकट्ठा होने या सोशल डिस्टेंसिंग की बात माननी जरूरी है। ऐसा न करने वालों पर प्रशासन कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि जिलों में डीएम अपने विवेक का इस्मेमाल करते हुए प्रतिबंधों के बाबत कुछ फैसले ले भी सकता है। ग्रीन जोन के अंदर भी जिन लोगों को क्वारंटाइन में रखा जाएगा उन्हें किसी भी तरह के मेल जोल की इजाजत नहीं होती।
अनुमति
- ग्रीन ज़ोन यानि 130 ज़िलों में 50% क्षमता के साथ बसें चलेंगी। अगर 20 लोगों के बैठने की क्षमता तो केवल 10 ही बैठ पाएँगे।
- शाम 7 बजे के बाद और सुबह 7 बजे तक आवाजाही की इजाजत नहीं
रेलवे ने भी दी राहत
सरकार ने फंसे हुए छात्रों, प्रवासी श्रमिकों, पर्यटकों, तीर्थयात्रियों आदि को स्पेशल ट्रेन से आवाजाही की अनुमति दी है। इसके तहत आज छह स्पेशल ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई है। आगे भी रेल मंत्रालय और राज्यों के अनुरोध पर एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए ट्रेन चलाई जा सकती है लेकिन सामान्य तौर पर ट्रेनों की आवाजाही बंद रहेगी।
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राज्यों ने दी थी लॉकडाउन बढ़ाने की सलाह
प्रधानमंत्री मोदी के साथ सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन पर चर्चा की थी। अधिकतर की राय थी कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लॉकडाउन जारी रहे। हालांकि, कुछ राज्यों ने लॉकडाउन के साथ आर्थिक गतिविधियों को शर्तों और सावधानियों के साथ चालू करने पर जोर दिया था।
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