गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों और अन्य लोगों की आवाजाही की अनुमति दे दी है. इस संबंध में गृह मंत्रालय की ओर से गाइडलाइंस जारी की गई हैं. इसमें कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपने नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल फॉलो करें।
क्या हैं सरकार की गाइडलाइंस
● लॉकडाउन में फंसे लोगों को लाने और ले जाने के लिए सभी राज्य एक नोडल अथॉरिटी बनाएंगे, जो प्रोटोकॉल का पालन करेगी. नोडल अथॉरिटी ऐसे लोगों का रजिस्ट्रेशन भी करेगी।
● जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होनी है, वहां की अथॉरिटी एक-दूसरे से संपर्क कर सड़क के जरिए लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करेंगी।
● जो लोग जाना चाहते हैं, उनकी स्क्रीनिंग होगी. सबकुछ ठीक होने पर ही जाने की अनुमति मिलेगी. यानी कोई लक्षण नहीं दिखेगा, तभी जा पाएंगे।
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● लोगों को एक जगह से दूसरे जगह पर लाने ले जाने के लिए बसों का इस्तेमाल होगा. इन बसों को सेनेटाइज करना होगा और यात्रियों को बैठाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
● कोई भी राज्य इन बसों को अपनी सीमा में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा और उन्हें गुजरने की अनुमति देगा।
● लोगों के अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने के बाद स्थानीय हेल्थ टीम उनकी जांच करेगी और होम क्वांरटी में रखेगी. जरूरत पड़ी, तो उन्हें अस्पतालों/स्वास्थ्य केंद्रों में क्वारंटीन किया जा सकता है. उनकी समय-समय पर जांच होती रहेगी।
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कोरोना के कारण देश में 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है. अलग-अलग हिस्सों में मजदूर, विद्यार्थी, पर्यटक, मरीज और उनके परिजन फंसे हुए हैं. कामकाज ठप हो जाने के कारण आमदनी रुक गई है और मजदूरों को रहने-खाने की चिंता सताने लगी है. कई राज्यों से हजारों मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर निकल लिए. कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी।
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