इन Indian Railway स्पेशल ट्रेनों की खास बात यह है कि यह जिस स्टेशन से चलेंगी और जहां तक इनका रूट तय किया गया है उनके बीच पड़ने वाले स्टेशनों में ये कहीं नहीं रुकेंगी और इनमें सवार यात्री को वहां की राज्य सरकारें 15 से 21 दिन तक क्वरंटाइन में रखेंगी. क्योंकि माना जा रहा है कि इन यात्रियों में से अगर कोई भी कोरोना का संक्रमित निकला तो वह बड़ा खतरा बन सकता है।
बिहार में 21 दिन तक क्वांरटाइन में रखने का सीएम नीतीश कुमार ने ऐलान किया है. नीतीश कुमार ने कहा अधिकारियों से कहा है कि बिहार में बड़ी संख्या में प्रवासी आ सकते हैं इसलिए कमर कसकर तैयार हो जाइए. उन्होंने कहा कि सभी प्रवासियों को क्वरंटाइन में रखने के लिए व्यवस्था कर ली जाए और जहां उनकी स्किल ट्रेनिंग भी कराई जाए।
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यहां कराएं रजिस्ट्रेशन (Online Registration For Migrants )
गुजरात में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
https://www.digitalgujarat.gov.in/loginapp/CitizenLogin.aspx
पंजाब में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
https://covidhelp.punjab.gov.in
महाराष्ट्र में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
https://covid19.mhpolice.in
राजस्थान में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
https://emitraapp.rajasthan.gov.in/emitraApps/covid19MigrantRegistrationService
हिमाचल प्रदेश में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
http://covidepass.hp.gov.in/
तमिलनाडू में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
http://tnepass.tnega.gov.in
हरियाणा में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService
कर्नाटक में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
https://sevasindhu.karnataka.gov.in/Sevasindhu/English
उत्तराखंड में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
http://dsclservices.org.in/uttarakhand-migrant-registration.php
ओड़िशा में फंसे लोगों के लिए पंजीकरण लिंक
https://covid19regd.odisha.gov.in/
आपको बता दें कि इस पूरे मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी साफ किया है कि लोगों को आने जाने में जो ढील दी गई है वह केवल परेशान हाल प्रवासी कामगारों, फंसे हुए पर्यटकों ,श्रद्धालुओं और छात्रों के लिए है।
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केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों को पत्र लिख कर कहा है कि गृह मंत्रालय ने ऐसे फंसे हुए लोगों के आने जाने को मंजूरी दी है जो लॉकडाउन की अवधि से ठीक पहले अपने मूल निवास अथवा कार्यस्थलों से चले गए थे और लॉकडाउन के नियमों के चलते लोगों अथवा वाहनों की आवाजाही पर लगी रोक के कारण अपने मूल निवासों अथवा कार्यस्थलों पर लौट नहीं पाए थे।
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