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क्या हैं नए कानून
सबसे महत्वपूर्ण विधेयक है, 'ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ ऐंड वर्किंग कंडीशंस (व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति) कोड।' इस ड्राफ्ट कोड में प्रावधान किया गया है कि कम से कम 10 कर्मचारियों वाली कंपनी, फैक्टरी या संस्थाओं को अपने हर एंप्लॉयी को अपॉइंटमेंट लेटर यानी नियुक्ति पत्र देना होगा। वे बिना अपॉइंटमेंट लेटर के कर्मचारियों से काम नहीं ले सकते हैं। अपॉइंटमेंट लेटर देने का मतलब है कि उन्हें कर्मचारियों को मिनिमम वेज देना होगा और कंपनी लॉ के मुताबिक कर्मचारियों को सभी तरह की सुविधाएं देनी होंगी। इसके आलावा इस ड्राफ्ट कोड में कार्यस्थल पर कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया है। कंपनी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वर्किंग प्लेस में ऐसी कोई चीज न हो, जिससे कर्मचारियों को बीमार या घायल होने का रिस्क हो। ऐसा होने पर कंपनी के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा और उन्हें कर्मचारियों को मुआवजा देना होगा।
सबसे महत्वपूर्ण विधेयक है, 'ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ ऐंड वर्किंग कंडीशंस (व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति) कोड।' इस ड्राफ्ट कोड में प्रावधान किया गया है कि कम से कम 10 कर्मचारियों वाली कंपनी, फैक्टरी या संस्थाओं को अपने हर एंप्लॉयी को अपॉइंटमेंट लेटर यानी नियुक्ति पत्र देना होगा। वे बिना अपॉइंटमेंट लेटर के कर्मचारियों से काम नहीं ले सकते हैं। अपॉइंटमेंट लेटर देने का मतलब है कि उन्हें कर्मचारियों को मिनिमम वेज देना होगा और कंपनी लॉ के मुताबिक कर्मचारियों को सभी तरह की सुविधाएं देनी होंगी। इसके आलावा इस ड्राफ्ट कोड में कार्यस्थल पर कर्मचारियों को पूरी सुरक्षा देने का प्रावधान किया गया है। कंपनी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि वर्किंग प्लेस में ऐसी कोई चीज न हो, जिससे कर्मचारियों को बीमार या घायल होने का रिस्क हो। ऐसा होने पर कंपनी के खिलाफ ऐक्शन लिया जाएगा और उन्हें कर्मचारियों को मुआवजा देना होगा।
तय होगी न्यूनतम सैलरी
दूसरा विधेयक है- 'कोड ऑन वेजेज।' यह बिल केंद्र को सभी सेक्टर के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करने का अधिकार देता है। इसका पालन राज्यों को भी करना होगा। इसके तहत 4 कानून- 'मिनिमम वेजेज ऐक्ट 1948', 'पेमेंट ऑफ वेजेज ऐक्ट 1936', पेमेंट ऑफ बोनस ऐक्ट 1965' और 'इक्वल रिमुनेरेशन ऐक्ट 1976' को मिलाकर वेजेज यानी वेतन की परिभाषा तय की जाएगी।
दूसरा विधेयक है- 'कोड ऑन वेजेज।' यह बिल केंद्र को सभी सेक्टर के लिए न्यूनतम मजदूरी तय करने का अधिकार देता है। इसका पालन राज्यों को भी करना होगा। इसके तहत 4 कानून- 'मिनिमम वेजेज ऐक्ट 1948', 'पेमेंट ऑफ वेजेज ऐक्ट 1936', पेमेंट ऑफ बोनस ऐक्ट 1965' और 'इक्वल रिमुनेरेशन ऐक्ट 1976' को मिलाकर वेजेज यानी वेतन की परिभाषा तय की जाएगी।
रिटायरमेंट के बाद लाभ ज्यादा
तीसरा विधेयक है- सोशल सिक्यॉरिटी कोड। इसके तहत सरकार ने रिटायरमेंट, हेल्थ, ओल्ड एज, डिसेबिलिटी, अनएंप्लॉयमेंट और मैटरनिटी बेनेफिट्स देने के लिए एक बड़ी व्यवस्था का प्रस्ताव किया है।
तीसरा विधेयक है- सोशल सिक्यॉरिटी कोड। इसके तहत सरकार ने रिटायरमेंट, हेल्थ, ओल्ड एज, डिसेबिलिटी, अनएंप्लॉयमेंट और मैटरनिटी बेनेफिट्स देने के लिए एक बड़ी व्यवस्था का प्रस्ताव किया है।
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