इसीलिए किसानों को इसकी जानकारी नहीं मिली है। फिलहाल, अभी इसकी अंतिम तारीख 31 मई है जो पहले 31 मार्च से बढ़ाई गई थी। इससे क्या होगा- इसका मतलब साफ है कि किसान केसीसी कार्ड के ब्याज को सिर्फ 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) में किसानों को राहत देने के लिए यह निर्णय लिया गया है। खेती-किसानी के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है।
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लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है। स तरह यह 7 फीसदी पड़ता है। लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर ईमानदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है। आमतौर पर बैंक किसानों को सूचित कर 31 मार्च तक कर्ज चुकाने के लिए कहते हैं। अगर उस समय तक कर्ज का बैंक को भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 7 फीसदी ब्याज देना होता है।
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