हर्बल कल्टीवेशन के लिए 4000 करोड़ रुपए का फंड दिया जा रहा है. नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड्स (NMPB)25 लाख हेक्टेयर में इसकी खेती होगी. इससे किसानों को 5000 करोड़ रुपए की आमदनी होगी. जन औषधि की खेती करने के साथ उसका नेटवर्क किया जा रहा है।
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पशुपालन में बुनियादी ढांचा सुधारने के लिए विकास फंड बनाने का फैसला किया गया है. देश के कई इलाकों में दूध का उत्पादन ज्यादा होता है वहां प्राइवेट निवेश का भी विकल्प है. इस ढांचे के विकास के लिए 15,000 करोड़ रुपए का फंड दिया जा रहा है।
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भारत में सबसे ज्यादा पशु और पशुपालक हैं. 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण करने की योजना लाई गई है. इस पर 13,343 करोड़ रुपए खर्च होगा. पशुओं को उनकी कई बीमारियों से मुक्ती मिलेगी. इससे हमारे फूड प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ेगी. दूध का भी उत्पादन बढ़ेगा. अभी तक 1.5 करोड़ गाय और भैसों का वैक्सीनेशन हो चुका है।
फूड प्रोसेसिंग के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का ऐलान- सूक्ष्य, खाद्य संस्करण इकाइयों के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना है. करीब 2 लाख सूक्ष्य इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा. ये योजना कलस्टर आधारित होगी. इसमें स्थानीय कंपनियों को सपोर्ट किया जाएगा. जैसे बिहार का मखाना, यूपी के आम, जम्मू-कश्मीर के केसर जैसे खेती में कलस्टर बनाया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा- पिछले 2 महीने में किसानों की सहायता के लिए 74300 करोड़ की खरीद एमएसपी पर हुई. 18700 करोड़ रुपये पीएम किसान खातों में ट्रांसफर किए गए. 6400 करोड़ फसल बीमा योजना का क्लेम किया गया।
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सीतारमण ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान ऐसे प्रावधान किए ताकि रबी फसल की कटाई हो सके. इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए प्रोक्योरमेंट भी किया जा रहा है. पिछले दो महीने में लॉकडाउन के दौरान कृषि को सरकार ने पूरी तरह सपोर्ट किया है. सीतारमण ने कहा कि देश की ज्यादातार आबादी खेती से जुड़ी हुई है. लिहाजा उस सेक्टर पर फोकस करना जरूरी है. कृषि और उससे जुड़े कामकाज के लिए आज का पैकेज जारी किया जा रहा है।
कृषि सेक्टर के लिए 11 उपायों का एलान-वित्त मंत्री ने कहा- भारत दाल, दूध, जूट का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. छोटे और मझोले किसानों के पास 85 फीसदी खेती है. आज 11 उपायों का एलान किया जाएगा।
पहले दो दिन में किन्हें दी गई राहत-पहले दिन के ऐलान में केंद्र सरकार ने प्रमुख तौर पर मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों के लिए ऐलान किया था. इसके लिए केंद्र सरकार ने डिस्कॉम्स और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए लिक्विडिटी का ऐलान किया था।
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दूसरे दिन के ऐलान में सरकार ने प्रवासी मजदूरों को मुफ्त में दो महीने के अनाज से लेकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए भी कई बड़े ऐलान किए. इसमें वन नेशन वन राशन कार्ड से लेकर किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए रियायती दर पर ब्याज लोन मुहैया कराने का ऐलान शामिल था।
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