मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से लॉकडाउन खुलने के बाद शिक्षकों के लिए गाइडलाइन बनाये गए हैं। जैसे कि,
गले, मुंह, नाक आदि की शिकायत होने पर शिक्षक खुद ही घर से ही पढ़ाई करवाना शुरू करें।
संक्रमण के लक्षण वाले शिक्षक किसी भी विद्यार्थी के सीधा संपर्क में न आएं।
इन्हें नोट बुक की जांच करने के साथ स्कूल के अन्य शैक्षणिक कामों से भी दूर रखा जायेगा।
किसी भी शिक्षक को अगर खुदमें कोरोना के लक्षण नज़र आते है, तो वह तुरंत प्राचार्य से संपर्क कर स्कूल आना बंद करें। साथ ही खुद को घर में ही आइसोलेट करें। ऐसे शिक्षक जो खुद इनेशिएटिव लेते हैं, उन्हें कोरोना योद्धा के तौर पर स्कूल सम्मानित किया जायेगा।
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नोटबुक की जांच से पहले उसे सेनेटाइज करने के नियम भी एचआरडी मंत्रालय ने जारी किये है। पहले शिक्षक बिना किसी रोक टोक के बच्चों की नोटबुक चेक किया करते थे। लेकिन अब इसमें भी कुछ बदलाव है, नोटबुक शिक्षक तक पहुंचने में कुछ घंटो का समय लगेगा। विद्यार्थी द्वारा पहले नोटबुक जमा किया जायेगा। इसके बाद सभी नोटबुक को सेनेटाइज किया जायेगा। बाद ही शिक्षकों को नोटबुक दिए जायेंगे।
मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा जारी किये इन नियमो से लॉकडाउन के बाद स्कूल की पढाई, कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को देखते हुए दोबारा जारी की जा सकेगी।
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