कोरोना से लड़ने के लिए World Bank भारत को देगा 7500 करोड़ रुपये

विश्व बैंक (World Bank) ने कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए भारत को स्वास्थ्य प्रणालियों को दुरुस्त करने के लिए कहा है. इसके लिए खुद विश्व बैंक ने भारत को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है. भारत में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते ही जा रहे हैं. देश में कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए 21 दिनों का लॉकडाउन लागू है. इस चार वर्षीय परियोजना का उद्देश्य महामारी के समय में भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की तैयारियों को विकसित करना है.

विश्व बैंक ने कोरोनो वायरस के प्रकोप से निपटने के लिए भारत के लिए 7500 करोड़ रुपये (100 करोड़ डॉलर) के इमरजेंसी फंड को मंजूरी दी है
विश्व बैंक ने कहा कि विश्व बैंक की सहायता परियोजनाओं का पहला सेट 1.9 अरब डॉलर का है, जो 25 देशों की सहायता करेगा. वहीं आपातकालीन वित्तीय सहायता का सबसे बड़ा हिस्सा 1 अरब डॉलर भारत को दिया गया है.
भारत में स्वास्थ्य सिस्टम को सही तरह से चलाने के लिए इस प्रोजेक्ट को तैयार किया जा रहा है. जिससे भारत कोविड -19 के खतरे से बच सके. इसके साथ ही सरकार का आकलन है कि आने वाले वर्षों में कोविड -19 जैसे प्रकोप जारी रहेंगे, और इसलिए बीमारी की अगली लहर से निपटने के लिए दीर्घकालिक रणनीति बनाने की आवश्यकता है. विश्व बैंक ने कहा कि भारत में 7500 करोड़ रुपये (100 करोड़ डॉलर) का इमरजेंसी फंड बेहतर स्क्रीनिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रयोगशाला डायग्नोस्टिक्स का समर्थन करेगा. साथ ही व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों की खरीद करेगा. वहीं दक्षिण एशिया में विश्व बैंक ने पाकिस्तान के लिए 20 करोड़ डॉलर और अफगानिस्तान के लिए 10 करोड़ डॉलर को मंजूरी दी है.

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