वहीं सत्तापक्ष का कहना है कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिये सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। मास्क फिर से अनिवार्य किया गया है और जरूरत पड़ने पर नाइट कर्फ्यू भी लगाया जायेगा। सरकार के पास यह सुझाव आया है कि नाइट कर्फ्यू लगाने की बजाय शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाए।
फिलहाल सरकार सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। इसके अलावा राज्य सरकार को इस बात की भी चिंता है कि होली और महाशिवरात्रि पर लोग कोरोना के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए त्योहारों को मनाएं। इसके अलावा मध्यप्रदेश और सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं हैं। राज्य सरकार इन सभी बातों को ध्यान में रखकर नाइट कर्फ्यू लगाने पर फैसला ले सकती है।
देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस (Corona Virus) संक्रमण के केस तेजी से फैलने लगे हैं। भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों (Covid-19 Cases) में इजाफा हुआ है। जिसे देखते हुए केंद्र से लेकर राज्य सरकार सतर्क हो गई हैं और जरूरी कदम उठा रही हैं। इसी क्रम में पंजाब सरकार ने संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर जालंधर में नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) लगाने का फैसला किया है।
जानें कब से कब तक रहेगा लागू
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब के जालंधर (Jalandhar) में शनिवार से रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू रहेगा। इस दौरान लोगों के बिना की वजह घर से बाहर निकलने पर पाबंदी रहेगी। नाइट कर्फ्यू में केवल जरूरी सेवाओं की छूट रहेगी। हालांकि ये नाइट कर्फ्यू कब तक लागू रहेगा इसके बारे में अभी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
तमिलनाडु में 31 मार्च तक बढ़ाया गया लॉकडाउन
पंजाब के अलावा भी कई अन्य राज्य सख्ती भरा कदम उठा रहे हैं। तमिलनाडु सरकार ने फरवरी महीने के अंतिम दिन राज्य में 31 मार्च तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि कोई नए सख्त नियम-कानून लागू नहीं किए गए, राज्य सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार ने की गाइडलाइंस के तहत कदम उठाए हैं। सरकार ने कोरोना नियमों का उल्लंघन करने वाले शख्स पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
अब तक इतने मरीजों की गई जान
आपको बता दें कि देश में अब तक कोरोना वारयस के चलते 1,57,656 मौतें हो चुकी हैं। इनमें सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। यहां पर मृतकों का आंकड़ा 52,393, तमिलनाडु में 12,513, कर्नाटक में 12,354, दिल्ली में 10,918, पश्चिम बंगाल में 10,275, यूपी में 8,729 और आंध्र प्रदेश में 7,172 है। मृतकों में 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीज अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे।
Post a Comment