कोरोना वायरस की महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लागू हुआ तो जिंदगी थम गई. परिवहन के साधनों के पहिए थम गए, उद्योग-धंधों पर ब्रेक लग गया तो स्कूल-कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी बंद हो गए।
अब धीरे-धीरे जीवन को पटरी पर लाने की कोशिश में जुटी सरकार सितंबर से स्कूल खोलने की इजाजत देने विचार कर रही है. ऐसे में अब सवाल यह भी उठ रहा है कि जब कोरोना तेज रफ्तार से बढ़ रहा है, क्या अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं?
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राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के शहरों में रहने वाले अधिकतर अभिभावक स्कूल खोले जाने के पक्ष में नहीं हैं. उनका मानना है कि शैक्षिक सत्र में स्कूलों को खोलने से कोरोना के मामलों में और वृद्धि होगी और बच्चों की जान जोखिम में रहेगी. ऐसे में पढ़ाई के लिए ऑनलाइन माध्यम का ही इस्तेमाल होना चाहिए।
अभिभावक ऑनलाइन क्लासेज से खुश दिखाई दे रहे हैं. अभिभावकों का मानना है कि ऑनलाइन क्लासेज से बच्चों की पढ़ाई भी हो रही है और साथ ही कोरोना से सुरक्षा भी।
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आराध्या ऑनलाइन क्लासेज में किसी तरह की कोई दिक्कत तो महसूस नहीं करती, लेकिन वह अपने दोस्तों को मिस करती हैं. आराध्या के पिता अपूर्व चतुर्वेदी का कहना है कि स्कूल खोले जाने की सूरत में स्कूल प्रशासन अभिभावकों को सीसीटीवी कैमरे के जरिए मोबाइल पर बच्चों को देखने की सुविधा मुहैया कराए. इससे अभिभावकों को यह तसल्ली रहेगी कि उनके बच्चे स्कूल में सुरक्षित माहौल में हैं।
हालांकि ज्यादातर स्कूलों की तरफ से अभी बच्चों के अभिभावकों से इस संबंध में बात नहीं की गई है और ना ही कोई राय ही मांगी गई है. ज्यादातर स्कूल भी केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइंस जारी किए जाने का इंतजार कर रहे हैं।
प्राइवेट स्कूलों के प्रिंसिपल ने केंद्र को भेजी कार्ययोजना
माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी किए जाने के बाद स्कूल खोलने का फैसला राज्यों की सरकार पर छोड़ा जाएगा. लेकिन फिर भी निजी स्कूलों में फिर से क्लासेज शुरू करने की तैयारियां तेज हो गई हैं।
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एक प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल ज्योति अरोड़ा का कहना है कि उन्होंने केंद्र सरकार को कुछ और प्रिंसिपल के साथ मिलकर एक ड्राफ्ट तैयार कर भेजा है, जिसमें कोरोना को देखते हुए स्कूल में क्लासेज के संचालन को लेकर कार्ययोजना बनाई गई है. इसमें छात्र, अभिभावक और आगंतुकों को लेकर कई तरह की गाइडलाइंस बनाई गई हैं. इससे कोरोना संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।
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दिल्ली स्टेट पब्लिक स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट आरसी जैन का कहना है कि पब्लिक स्कूल सरकार के आदेशों का पालन करने को तैयार हैं। सरकार की ओर से जो भी गाइडलाइंस स्कूल खोलने के लिए तय की जाएगी, वो हमें स्वीकार होंगी।
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उन्होंने कहा कि स्कूल ऑड-इवन नियम से खोले जा सकते हैं. यानी स्कूल के बच्चों को संख्या के आधार पर आधा-आधा बांट दिया जाएगा। इसके माध्यम से सोशल डिस्टेंसिंग का भी सख्ती से पालन हो सकेगा।
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