दरअसल, सरकार के बार-बार बुलाने के बावजूद अब तक करोड़ों राशन कार्डधारक ऐसे हैं, जिन्हें आधार से लिंक नहीं किया गया है। इस मामले पर मंत्रालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को राशन कार्ड को आधार संख्या से जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है, जो खाद्य और सार्वजनिक विभाग की अधिसूचना के आधार पर है।
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वितरण, 7 फरवरी 2017 को।
इस अधिसूचना को समय-समय पर संशोधित किया गया है। अब इसकी समय सीमा 30 सितंबर 2020 तक बढ़ा दी गई है। इसका मतलब है कि अब राशन कार्ड और आधार को जोड़ने की प्रक्रिया 30 सितंबर तक जारी रहेगी।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए पूरे देश में तालाबंदी की गई है, जिसके कारण सभी काम रुक गए हैं। ऐसे में सरकार कई छूट दे रही है, ताकि लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।
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खाद्य मंत्रालय के अनुसार, जब तक मंत्रालय सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट निर्देश जारी नहीं करता है, तब तक किसी भी लाभार्थी को उसके हिस्से के राशन से वंचित नहीं किया जाएगा। साथ ही, आधार नंबर नहीं होने के कारण कोई भी राशन कार्ड रद्द नहीं किया जाएगा। केंद्र सरकार के अनुसार, देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 80 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं।
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