ट्रेनों के कैंसल होने के होने के चलते फंसे हुए जवानों को ड्यूटी तक पहुंचाने के लिए रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय ने आपसी तालमेल के जरिए जवानों को पहुंचाने के लिए व्यवस्था बनाई। सूत्रों ने कहा, ‘जिस वक्त लॉकडाउन का ऐलान किया गया, उस दौर में ये जवान और अफसर बेंगलुरु. बेलगाम और सिकंदराबाद में स्थित ट्रेनिंग सेंटर्स में तैनात थे, ये सभी दक्षिणी कमांड में स्थित हैं।’ इन सभी ट्रेनिंग सेंटर्स में से 300 से 500 से ज्यादा अफसरों ने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है और अब उन्हें ड्यूटी पर तैनात किया जाना है।
सरकारी सूत्रों के मुकाबले जवानों को पहुंचाने के लिए जम्मू तवी और गुवाहाटी के लिए दो ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। ये ट्रेनें नॉन-एसी होंगी। सूत्रों ने बताया कि उत्तरी एवं पूर्वी सीमाओं पर ऑपरेशंस की जरूरतों को पूरा करने के लिए इन जवानों को ट्रेनों के जरिए भेजा जाएगा। इसके लिए मिलिट्री स्पेशल ट्रेनें चलाने का फैसला लिया गया है। एक ट्रेन उत्तरी कमांड के जवानों को लेकर जाएगी, जो अंबाला से लेकर जम्मू तक तीन स्टेशनों में जवानों को छोड़ेंगी। यह ट्रेन 17 अप्रैल को चलेगी। इसके अलावा गुवाहाटी के लिए जाने वाली पूर्वी कमांड की ट्रेन 18 अप्रैल को निकलेगी, जो हावड़ा से होते हुए गुवाहाटी जाएगी।
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सूत्रों के मुताबिक 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद इन जवानों को भेजा जाएगा। इन जवानों को पश्चिमी, उत्तरी एवं पूर्वी कमांड में भेजा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक ऐसे सैन्यकर्मियों को ही भेजा जाएगा, जो मेडिकली फिट हैं। हालांकि रोजाना चलने वाली ट्रेनों से उलट ये विशेष ट्रेनें कुछ स्टेशनों पर थो़ड़े ज्यादा वक्त तक रुकेंगी क्योंकि लंबे सफर पर ट्रेनें चलेगी। दोनों ही स्पेशल ट्रेनों में पैंट्री कार भी होगी। यही नहीं इन ट्रेनों को रेलवे और आर्मी की ओर से सैनिटाइज भी किया जाएगा।
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