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कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज का हिस्सा है।
वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए कहा था कि इस कोष का इस्तेमाल शीत भंडारगृह, कटाई के बाद प्रबंधन ढांचे पर किया जाएगा।
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क्या है कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड?
कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की अवधि 10 सालों तक यानी 2029 तक है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में कृषि क्षेत्र से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद मिलेगी। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में निजी निवेश और नौकरियों को बढ़ावा देना है। इसके तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा प्राथमिक कृषि ऋण समितियों, किसान समूहों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स और एग्री-टेक खिलाड़ियों को ऋण के रूप में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
चालू वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये
चार वर्षों में ऋण वितरित किया जाएगा। चालू वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और अगले तीन वित्तीय वर्षों में प्रत्येक साल में 30,000 करोड़ रुपये के ऋण वितरित होंगे।
इस वित्त पोषण सुविधा के तहत 2 करोड़ की सीमा तक सभी ऋणों पर सालाना तीन फीसदी की ब्याज छूट दी जाएगी। इसकी सुविधा अधिकतम सात वर्षों के लिए उपलब्ध होगी। वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए कहा था कि इस कोष का इस्तेमाल शीत भंडारगृह, कटाई के बाद प्रबंधन ढांचे पर किया जाएगा।
पैदा होंगे रोजगार के अवसर
इस संदर्भ में मंत्रालय ने कहा कि कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रबंधित और मॉनिटर किया जाएगा। यह ऋण के लिए आवेदन करने के लिए सभी योग्य संस्थाओं को सक्षम करेगा। कृषि और कृषि प्रसंस्करण आधारित गतिविधियों के लिए औपचारिक ऋण की सुविधा से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
क्या है कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड?
कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की अवधि 10 सालों तक यानी 2029 तक है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में कृषि क्षेत्र से जुड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद मिलेगी। इसका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में निजी निवेश और नौकरियों को बढ़ावा देना है। इसके तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा प्राथमिक कृषि ऋण समितियों, किसान समूहों, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), कृषि-उद्यमियों, स्टार्टअप्स और एग्री-टेक खिलाड़ियों को ऋण के रूप में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे।
चालू वर्ष के लिए 10,000 करोड़ रुपये
चार वर्षों में ऋण वितरित किया जाएगा। चालू वर्ष में 10,000 करोड़ रुपये और अगले तीन वित्तीय वर्षों में प्रत्येक साल में 30,000 करोड़ रुपये के ऋण वितरित होंगे।
इस वित्त पोषण सुविधा के तहत 2 करोड़ की सीमा तक सभी ऋणों पर सालाना तीन फीसदी की ब्याज छूट दी जाएगी। इसकी सुविधा अधिकतम सात वर्षों के लिए उपलब्ध होगी। वित्त मंत्री ने आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए कहा था कि इस कोष का इस्तेमाल शीत भंडारगृह, कटाई के बाद प्रबंधन ढांचे पर किया जाएगा।
पैदा होंगे रोजगार के अवसर
इस संदर्भ में मंत्रालय ने कहा कि कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रबंधित और मॉनिटर किया जाएगा। यह ऋण के लिए आवेदन करने के लिए सभी योग्य संस्थाओं को सक्षम करेगा। कृषि और कृषि प्रसंस्करण आधारित गतिविधियों के लिए औपचारिक ऋण की सुविधा से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
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