पशुपालन और डेयरी विभाग ने वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर पहले ही सर्कुलर और केसीसी एप्लीकेशन फॉर्मेट जारी कर दिए हैं। सर्कुलर और केसीसी एप्लीकेशन फॉर्मेट जारी कर सभी स्टेट मिल्क फेडरेशन और मिल्क यूनियनों को एक मिशन मोड के तहत इस लागू करने के लिए कहा दिया गया है। डेयरी सहकारी आंदोलन के तहत, लगभग 1.7 करोड़ किसान देश में 230 मिल्क यूनियन से जुड़े हैं। ऐसे में इन किसानों को सस्ते में बिना गारंटी के तीन लाख रुपये तक का लोन मिल सकेगा।
देशभर के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया करवाए जा रहे हैं। पहले किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए एक लाख रुपये तक के लोन को बिना गारंटी के दिया जाता था लेकिन हाल में इसकी लिमिट को बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये किया गया था। वहीं तीन लाख रुपये के लोन पर चार फीसदी की ब्याज दर तब लागू होती है जब किसान अपनी सारी किस्त समय पर चुका देता है। किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए केंद्र ने किसानों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने की कोशिश की है।
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वैसे तो कृषि लोन के लिए ब्याज दर 9 फीसदी के आस-पास है लेकिन किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन लेने पर सरकार की तरफ से 2 फीसदी की सब्सिडी मुहैया करवाई जाती है। समय पर लोन का पैसा लौटा देने पर 3 फीसदी की अतिरिक्त छूट मिल जाती है। इस हिसाब से किसानों को चार फीसदी की ब्याज दर से लोन की सुविधा मिलती है।
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