लॉकडाउन के बीच दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद में भूकंप के झटकों से लोग दशहत में आ गए क्योंकि सभी पहले से अपने घरों में कैद थे. हालांकि इसकी तीव्रता ज्यादा नहीं थी फिर भी लोगों को कहना है कि भूकंप के झटके काफी तेज थे.
दिल्ली हमेशा भूकंप के लिए लिहाज से काफी संवेदनशील इलाका माना जाता है. मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग में भारत को 4 जोन में बांटा गया है और इसमें जोन-5 से जोन-2 शामिल है. इसमें जोन 5 सबसे ज्यादा संवेदनशील है और जोन-2 सबसे कम संवेदनशील यानी जोन-5 ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंप आने की आशंका सबसे ज्यादा है और जोन-2 ऐसा क्षेत्र है जहां भूकंप आने की आशंका सबसे कम होती है.
बता दें कि भारत में जोन-5 में हिमालय का केंद्र, कश्मीर और कच्छ का रन शामिल है. वहीं जोन-4 में दिल्ली, जम्मू कश्मीर और महाराष्ट्र के इलाके शामिल हैं. वहीं जोन-4 भी वह क्षेत्र होता है, ज्यादा भूकंप और नुकसान की संभावना ज्यादा होती है. जोन-3 को मोडरेट डैमेज रिस्क जोन कहते हैं इस जोन में अंडमान निकोबार, बेस्टर्न हिमालय के भाग शामिल हैं. जबकि जोन-2 को लो डैमेज रिस्क जोन कहते हैं.
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