ये उद्योग धंधे होंगे शुरू-
● ग्रामीण इलाकों के उद्योग-धंधे
● ग्रामीण इलाकों के ईंट भट्ठे
● स्पेशल इकोनॉमिक जोन यानी SEZ, एक्सपोर्ट ओरिएंटेड जोन, इंडस्ट्रियल टाउनशिप के उद्योग,
● दवा और जरूरी सामान बनाने वाली फैक्ट्रियां
● ग्रामीण इलाकों के फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के काम
● आईटी हार्डवेयर की मैन्युफैक्चरिंग
● कोयला, खनिज उत्पादन और उनकी ढुलाई, खनन के लिए जरूरी विस्फोटकों की आपूर्ति
● पैकेजिंग सामग्री बनाने वाली फैक्टरियां
● तेल एवं गैस की खोजबीन से जुड़े काम
● जूट इंडस्ट्री का काम
● प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल, डीटीएच सेवाएं जारी रहेंगी
● सरकारी गतिविधियों के डेटा, कॉल सेंटर खुलेंगे
● कुरियर सेवा, ई-कॉमर्स कंपनियों का काम
● कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग सर्विस
सरकार ने निर्माण कार्यों में भी छूट दी है. इसके तहत –
● ग्रामीण इलाकों में सड़क, सिंचाई परियोजनाओं, इमारत और सभी तरह की औद्योगिक परियोजनाओं का निर्माण
● अक्षय ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण
● नगरीय इलाकों में निर्माण परियोजनाओं का काम. जहां मजदूर निर्माण की जगह पर ही रहें. बाहर से किसी मजदूर को लाने की जरूरत न हो
● सरकार ने फैक्ट्री और कारखानों में काम शुरू करने के साथ ही साफ-सफाई के लेकर भी निर्देश दिए हैं.
इसमें कहा गया है-
● काम करने वालों का बार-बार साबुन से हाथ धोना अनिवार्य होगा.
● बार-बार इस्तेमाल होने वाली चीज या जगह की सफाई होती रहेगी.
● दो शिफ्टों में गैप होना जरूरी है. एक शिफ्ट होने के बाद ही दूसरी शिफ्ट शुरू होगी.
● लंच का समय भी अलग-अलग होगा. कैंटीन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा.
● कर्मचारियों, मजदूरों को सफाई का ध्यान रखने की ट्रेनिंग दी जाए.
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