कोरोना को लेकर दुनिया भर में हो रहे कई शोध में दावा किया कि चीन ने इस बीमारी पर काबू वुहान में लॉकडाउन करके किया। वुहान करीब दो महीने से बंद है। हालांकि हाल में कुछ रियायतें दी गई हैं। लेकिन इससे अब वहां स्थानीय स्तर पर ट्रांसमिशन पूरी तरह से बंद हो चुका है। चिकित्साविदों का कहना है कि वुहान में स्थिति बेकाबू होने के बाद यह कदम उठाए गएहै। लेकिन देश में जिन जिलों कें कुछ मामले आए हैं, वहां बंद करने से इस बीमारी का फैलाव रुक जाएगा।
वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन के प्रमुख जुगल किशोर का कहना है कि असल चुनौती इसका कम्युनिटी स्तर पर फैलाव को रोकना है। जनता कफ्यू एवं संक्रमित जिलों को लॉकडाउन से इस फैलाव में कमी आएगी। यदि इन प्रयासों से हम स्थानीय संक्रमण को बढ़ने से रोक देते हैं तो कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा टल सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने माना है कि स्थानीय संक्रमण के मामले आने लगे हैं और इस समय इस स्थानीय संक्रमण को रोकना बेहद जरूरी है।
कोरोना के संक्रमण को लेकर शोध कर रहे येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के सहायक प्रोफेसर चिन शी ने कहा कि जिन देशों में कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है, वे चीन के लॉकडाउन को अपना सकते हैं, लेकिन लोकल ट्रांसमिशन रोकने के लिए सभी देशों को इतना लंबा लॉकडाउन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे जल्दी जांच और आइसोलेशन प्रक्रिया अपनाकर भी इसे काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में पूर्व आतिरिक्त सचिव रहे अरुण कुमार पांडा ने कहा कि जनता कर्फ्यू जैसा कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लोगों में जागरुकता बढ़ी है। लोग इस खतरे से बचने के लिए सतर्क हुए हैं।
कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी
देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। देश में दो दिन के भीतर 120 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 396 पर पहुंच गई। वहीं, मरने वालों की भी संख्या चार से बढ़कर सात हो गई है।
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