अब 4 अप्रैल को लव अग्रवाल ने कहा है कि
लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय, 4 अप्रैलपहले जो गाइडलाइन थी वो अभी भी बरकरार हैं. हमने कहा था कि जो मेडिकल मास्क हैं उन्हें तभी इस्तेमाल किया जाए, जब आप किसी बीमार के पास जा रहे हैं. या अगर आप बीमार हों और किसी मेडिकल सेंटर में जा रहे हैं और वहां खांसते या छींकते हैं या जब आप किसी बीमार की देखरेख कर रहे हैं. लव अग्रवाल, संयुक्त सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय, 4 अप्रैलअब जो हमने नई गाइडलाइन जारी की है वो घर में ही बने फेस कवर या माउथ कवर को लेकर है. ये मेडिकल मास्क को लेकर नहीं है. ये मुख्य रूप से खुद की हाईजीन को लेकर है. जिस किसी की भी तबीयत सही नहीं हो या सांस लेने में तकलीफ हो वो मंत्रालय की ओर से बताए गए मास्क ही इस्तेमाल करे.सरकार ने 'चेहरे और मुंह के बचाव के लिये घर में बने सुरक्षा कवर के इस्तेमाल पर परामर्श' में कहा है कि ऐसे मास्क के इस्तेमाल से बड़े पैमाने पर समुदाय का बचाव होगा और कई देशों ने घर में बने मास्क के आम लोगों के लिये फायदेमंद होने का दावा किया है.
अमेरिका में भी जारी हुई है ऐसी ही एडवाइजरी
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी सभी लोगों के लिये गैर-चिकित्सीय मास्क पहनने का परामर्श जारी किया है जिससे मेडिकल टीम को इलाज के दौरान इस्तेमाल होने वाले मास्क की कमी ना हो, उपलब्धता बनी रहे.।
अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) ने कहा है किअमेरिकी साधारण कपड़ा या कपड़े से बने मास्क का इस्तेमाल चेहरे को ढकने के लिये करें. इन्हें ऑनलाइन खरीदा जा सकता है या घर पर भी बनाया जा सकता है.
बता दें कि इससे पहले वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि मास्क पहनने की जरूरत सिर्फ उन्हीं को है, जिनमें COVID-19 के कोई लक्षण नजर आ रहे हों या वो लोग COVID-19 से संक्रमित लोगों या संक्रमण के संदिग्धों की देखभाल कर रहे हैं.
ऐसे में साफ है कि जैसे-जैसे कोरोना के बारे में समझ आगे बढ़ रही है, स्वास्थ्य से जुड़ी संस्थाएं नई एडवाइजरी जारी कर रही हैं
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