कोरोना वायरस महामारी को लेकर देशभर में 25 मार्च से हुए सम्पूर्ण लॉकडाउन के बाद से ही रेलवे ने अपनी सभी मेल, एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें बंद कर दी हैं. अब 14 अप्रैल को लॉक डाउन हटने के बाद इन ट्रेनों को एक बार फिर से शुरू किया जा सकता है. रेलवे सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ट्रेनों में सिर्फ नॉन एसी स्लीपरकोच ही होगा. इतना ही नहीं यात्रा से 12 घंटे पहले यात्री को अपनी सेहत की जानकारी रेलवे को हर हाल में बताना होगा.
ट्रेन में बैठने के बाद सफर के दौरान अगर किसी भी यात्री में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाते हैं तो उसे रास्ते के किसी भी स्टेशन पर उतार दिया जाएगा औऱ सीधा अस्पताल भेज दिया जाएगा. उस संक्रमित यात्री को 100 फीसदी रिफंड वापस दिया जाएगा. वहीं सीनियर सिटीजन को सफर नहीं करने का सुझाव भी दिया जाएगा.
रेलवे के अधिकारी ने बताया कि उत्तर भारत में 307 ट्रेन चलाने की योजना है. इसमें से एडवांस बुकिंग के चलते 133 ट्रेन में सीटे हाउसफुल होने के कारण लंबी वेटिंग चल रही हैं. वेटिंग टिकट को रद्द किया जाएगा. रेल प्रशासन ने ड्राइवर, गार्ड, स्टेशन मैनेजर और अन्य कर्मचारियों को ट्रेन का टाइमटेबल भी भेज दिया है. रेलवे बोर्ड ने सभी 17 जोनल रेलवे से रद्द ट्रेन को चलाने के लिए तैयार रहने को कहा है. उत्तर रेलवे ने 244 ट्रेन का टाइमटेबल संबंधित रेल अधिकारियों और कर्मचारियों को भेज दिया है.
रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 80 फीसदी से अधिक ट्रेन को चलाने के आदेश दिए गए हैं. इसमें सभी राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, सुपरफास्ट, मेल-एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेन शामिल हैं. लॉकडाउन के बाद स्टेशनों पर उमड़ने वाली भारी भीड़ से निपटने के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.
ट्रेन में सफर करने वालों के लिए 6 नए नियम-
- पहला नियम- स्टेशन पर प्रवेश के दौरान रेल यात्रियों को कुछ रुपए में मास्क और दस्ताने दिये जाएंगे. नहीं लेने पर स्टेशन पर प्रवेश नहीं होगा.
- दूसरा नियम- ट्रेन के सभी चारों दरवाजे बंद रहेंगे जिससे गैर जरुरी व्यक्ति का प्रवेश नहीं हो सकेगा.
- तीसरा नियम- ट्रेन नॉन स्टाप यानी एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन के बीच चलेगी. जरुरत के मुताबिक एक या दो स्टेशनों पर ही रुकेगी.
- चौथा नियम- ट्रेन की कोच की साइड बर्थ खाली रहेगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके.
- पांचवा नियम- पहले छह बर्थ मिलाकर एक केबिन होता था. लेकिन अब 6 बर्थ के केबिन में केवल दो यात्री ही सफर कर पाएंगे. जिससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी.
- छठा नियम- कोच के अंदर बाहरी वेंडर का प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होगा.
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