भाई बनकर रहा, फिर ले भागा बाजौर निवासी पीडि़त खेमचंद ने एसपी को दी शिकायत में बताया कि पिछले महीने 10 जुलाई को उसकी शादी चीपलाटा गांव निवासी कृष्णा से हुई थी। शादी के तीन दिन बाद ही उसके पिता सुरेश उसे अपने साथ गांव ले गए। उसी रात उसके गांव के श्रीराम जाट ने उसे रात को फोन कर अपनी पत्नी को भूल जाने की बात कही। थोई थानाधिकारी से पहचान होने की बात कहते हुए बात नहीं मानने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी भी दी। उसने बताया कि इसके बाद जब 30 जुलाई को उसके पिता सिंजारे पर बहु से मिलने गए तो वह अपने पीहर से गायब मिली। जिसके बारे में पड़ौसियों ने उसके श्रीराम के साथ भाग जाने की बात कही। खेमचंद ने बताया कि श्रीराम सगाई होने के बाद से उसके घर आ जा रहा था। जो कृष्णा को अपनी बहन बताता था। उसकी शादी में शामिल होने के साथ वह कृष्णा के पिता के साथ उसे लेने भी आया था। लेकिन, वही उसे धोखा देकर साथ ले गया। खेमचंद ने बताया कि कृष्णा घर से 25 हजार रुपए नकद व गहने भी साथ ले गई थी।
पुलिस पर मिलीभगत का आरोप खेमचंद ने मामले में थोई थाना पुलिस पर आरोपियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है। उसने बताया कि श्रीराम जाट ने थोई थानाधिकारी से पहचान होने की बात कहते हुए ही उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी। घटना के बाद भी जब वे पुलिस के पास गए तो उन्हें वहां से कोई सहयोग नहीं मिला। मामले में थोई थानाधिकारी आलोक पूनिया ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि थाने के काम से वे श्रीराम की गाड़ी कभी कभी किराये पर ले जाते थे। इसके अलावा उनका मामले से कोई संबंध नहीं है।
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