यात्रा के लिए 'प्रथम पूजा' शुक्रवार को आयोजित की गई थी। कोरोनावायरस महामारी के कारण इस बार यात्रा की अवधि में कटौती की गई है। साधुओं को छोड़कर अन्य तीर्थयात्रियों में 55 वर्ष से कम उम्र के लोगों को ही अनुमति दी जाएगी। यात्रा करने वाले सभी लोगों के पास कोविड निगेटिव प्रमाणपत्र होने चाहिए।
एसएएसबी के एक अधिकारी ने कहा, ''तीर्थयात्रियों को जम्मू-कश्मीर में यात्रा शुरू करने की अनुमति देने से पहले उनको वायरस के लिए क्रॉस-चेक किया जाएगा।'' साधुओं को छोड़कर सभी तीर्थयात्रियों को यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा। यह भी तय किया गया है कि 15 दिनों के दौरान सुबह और शाम गुफा मंदिर में की जाने वाली 'आरती' का देश भर के भक्तों के लिए सीधा प्रसारण किया जाएगा।
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अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय मजदूरों की अनुपलब्धता और बेस कैंप से गुफा मंदिर तक ट्रैक बनाए रखने में कठिनाइयों के कारण, यात्रा 2020 के लिए गांदरबल जिले में बालटाल बेस कैंप से गुफा तक पहुंचने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया जाएगा।
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यात्रा 2020 केवल उत्तरी कश्मीर बालटाल मार्ग से होकर निकलेगी। अधिकारियों ने कहा, ''इस वर्ष किसी भी तीर्थयात्री को पहलगाम मार्ग के माध्यम से यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।'' यात्रा 2020 का समापन 3 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा पर होगा जिस दिन रक्षा बंधन का त्योहार होता है।
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