इसका मतलब यह है कि अगर कुछ इलाकों के लोगों को बाहर निकलने की इजाजत दी जाती है, तो उन पर शर्तें लागू रहेंगी। मसलन वाहनों को ऑड-ईवन की तर्ज पर इजाजत दी जा सकती है। यह फॉर्म्युला दिल्ली में पलूशन बढ़ने के बाद लागू किया गया था। इसके साथ ही कार में सवार लोगों के लिए लिमिट भी तय की जा सकती है।
‘बॉर्डर खोलना का सवाल ही नहीं’
14 अप्रैल के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य आप बिना किसी रोक-टोक के जा सकें इसकी संभावना बेहद कम है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि स्टेट बॉर्डर खोलने का फिलहाल सवाल ही पैदा नहीं होता। इसके अलावा ट्रेन, मेट्रो और फ्लाइट का सफर फिर शुरू होने का रास्ता भी दूर ही दिखाई देता है। हालांकि, सरकार केमिस्ट, किराना स्टोर के साथ-साथ कुछ और जरूरी चीजों की दुकानों को खोलने की छूट दे सकती है। लेकिन इसमें भी कोरोना के हॉट-स्पॉट और बड़े शहरों के लिए अलग-अलग नियम बनाए जाएंगे।
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फिलहाल केंद्र सरकार इसपर चिंतन कर रही है कि लॉकडाउन को 21 दिनों से आगे बढ़ाया जाए। दरअसल, राज्य सरकारों और एक्सपर्ट्स से उसे ऐसे सुझाव मिले हैं। महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब और मध्य प्रदेश सभी की सरकारों ने लॉकडाउन बढ़ाने का समर्थन किया है। इसपर आखिरी फैसला 14 अप्रैल से कुछ रोज पहले स्थिति देखकर ही लिया जाएगा। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार मानती है कि लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ रहा है लेकिन वह पहले इस खतरे से बाहर आना चाहती है।
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