आपको बता दें कि भारत में तेजी से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं। अब तक देश में 4 हजार से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 109 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि इनमें से 250 लोगों से अधिक मरीज रिकवर भी हुए हैं। अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने रविवार (5 अप्रैल) को राज्यों से रणनीति पर बातचीत की जिसमें कोरोना के हॉट स्पॉट क्षेत्रों की पहचान करके उन्हें घेरने की बात कही गई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Ministry of Health) के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने दिल्ली में कहा कि, हमने आज सभी जिलों के प्रमुखों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने मिलकर एक रणनीति तैयार की गई है। जिसमें कोरोना के ज्यादा मामले वाले जिलों जैसे भीलवाड़ा, आगरा और गौतमबुद्धनगर पर ध्यान केंद्रित किया गया। इन जिलों के अधिकारियों ने कॉन्फ्रेंस में अपने विचार रखे।
रविवार 5 अप्रैल तक देश के 718 जिलों में कोरोना के 274 नए मामले दर्ज किए गए थे। इनमें से 230 जिलों को हॉटस्पॉट के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कॉन्फ्रेंस में कहा था कि राज्यों को इस पर विचार करना चाहिए कैसे चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन में ढील दी जा सकती है।
वहीं तीन राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा और राजस्थान का कहना है कि वह पहले उन जिलों में ढील देने पर विचार कर रहे हैं, जहां से कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। राजस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, जिन जिलों में कोरोना वायरस का प्रभाव है, उन जिलों के लोगों का कोरोना मुक्त जिलों में आने पर प्रतिबंध होगा। अधिकारी ने कहा कि यह ढील का पहला चरण हो सकता है।
दूसरे चरण में उन जिलों में ढील दी जाएगी, जहां पर COVID- 19 के मरीज कम हैं। वहीं तीसरे चरण में हाई कंटेनमेंट वाले जिलों में ढील दी जाएगी। बता दें कि राजस्थान के करीब 22 जिलों में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। महाराष्ट्र और हरियाणा के अधिकारियों ने भी इस रणनीति पर अपनी सहमति जताई।
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यह जानकारी सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट के आधार पर दी गयी हैं. हम इन खबरों की पुष्टि नहीं करते ।
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